नकारात्मक सोच या वहम को कैसे दूर करे. उपाय

हमारे मन में नकारात्मक या वहम हमारे डर से उत्पन्न होती है,साफ भाषा में कहे हमारा डर ही हमे नकारात्मक और वहम देता है। ये कई रूप में होता है जैसे हमारे दवारा किये गए काम के डर से, वहम पैदा होता है.वहम और नकारात्मक सोच एक बीमारी की तरह है जिसे दूर करना हमारे ही हाथो में होता है ।कई लोग बीमारी का वहम पाल लेते है तो कई लोग घरेलु चीजों से पालते है। क्युकी हमारी सोच सबसे पहले परिणाम में, गलत परिणाम की गणना जल्दी कर लेती है।
वहम और नकारात्मक सोच आने की वजह :- ये सभी तरह की नकारात्मक सोच या वहम हमे हमारे विश्वास से आता है। जैसे हम इंटरनेट में किसी बीमारी के बारे में पढ़ते है, उसमे किसी गंभीर या घातक बीमारी के लक्षण को पढ़ लेते है। कुछ दिनों बाद वही लक्षण हमे हमारे अंदर आते हुए महसूस होते है। क्युकी हमने उन लक्षण पर भरोसा कर लेते है और हम छोटी बीमारी को बड़ी बीमारी से सोचते है और वही से हम अपने अंदर किसी घातक बीमारी के वहम या नकारात्मक सोच को पैदा कर लेते है और चिकत्सक के पास जाने से डरने लग जाते है। यही से लोग अपनी गंभीर सोच में डूबने लगते है और वह अंधविश्वासी होने लगते है ,भगवान् में भरोसा रखना गलत नहीं है ,लेकिन वहम और नकारात्मक सोच को ख़तम करने के लिए लोग सिर्फ आस्था में ध्यान देते है , जैसे अगर वह थोड़ा भी बीमार हुआ या उसके रिश्ते टूटने का डर हुआ तो वह भक्ति भाव में ज्यादा जोर देने लग जाता है। लेकिन वह अपने वहम या नकारत्मकता को जड़ से ख़तम नहीं कर पता है।
नकारात्मक सोच या वहम को दूर करने के प्रयास :- हम कही लोगो से अपने डर के बारे में बात करते है लेकिन लोग कहते है की अपना ध्यान उस चीज से हटा ले.लेकिन फिर भी हम छोटी छोटी बात को अपने वहम या नकारात्मक सोच से जोड़ लेते है। कई लोग कहते है की जब भी ऐसी सोच मन में आये तो उसे छोड़ कर अपना पसंदिता काम करे जैसे की गाने, सुने ,पेंटिंग करे ,गेम्स खेले या कोई अन्य काम करे अपने आप को व्यस्त रखे। लेकिन ये कुछ समय के लिए इंसान को अच्छा कर देता है लेकिन रात में सोते वक़्त या ट्रेवल करते हुए वही विचार फिर से आते है ,
नकारात्मक सोच और वहम को दूर कैसे करे :- वहम को दूर करने का सबसे आसान उपाए यह है की, आप उस डर की गहरायी तक जाये जैसे की आपको बीमारी का डर है तो डॉक्टर से बात करे, टेस्ट करवाए। रिश्ते बिगड़ने का डर है तो अपने पार्टनर या रिश्तेदार से बात करे जिसका डर हो। जब आप ऐसा करेंगे तो आप अपने मन से उस डर को एक तरीके से मार रहे होंगे , जब आप अपने डर को मार देंगे तब आपमें एक नया विश्वास जागेगा जिससे आप दोबारा अपनी जीवन में अच्छा महसूस कर पाओगे। और कई बार ऐसा भी हुआ है की जब इंसान अपने इस डर की सच्चाई जान भी लेता है की यह सिर्फ वहम है और कुछ नहीं तब भी वह अपने डर को मारता नहीं है और उसके साथ फिर से नकारात्मक सोच आ जाती है। उस स्थित में उन चीजों को याद कीजिये ,जैसे आप बीमारी का चेक उप कराया और परिणाम में आपको कोई बीमारी नहीं है फिर भी आपको लगता है की आप बीमार है तो ,आप डॉ की सलाह और वह टेस्ट पर विश्वाश करे और अपने मन में बात बैठा ले की आपकी सोच(डर ) सिर्फ एक झूठा विश्वास है,जिसको आप ख़तम नहीं कर रहे । या अपने पार्टनर से बात करने के बावजूद भी आपको लगे की,आपका रिश्ता आगे बिगड़ सकता है तो आप अपने विश्वास पर भरोसा रखने के बजाये अपनी पार्टनर की बातो पर विश्वास रखे।

आम लोगो में नकारात्मक सोच या वहम :- ये वहम आम इंसान में भी दिखाई देती है । किसी जानवर के प्रति या किसी खास नंबर के प्रति या फिर धार्मिक मान्यता के कारण।
जैसे :- 1 भारत में बिल्ली के रास्ता काटना अशुभ होता है ,वही दुसरे देशो में इसे नही मानते।
2:- 17 पे खतरा भारत के आम मुहावरे है जिसका कोई मतलब नही । अगर 17 नंबर मनहूस है तो हर 17 सेकंड में बुरा होता ,हर 17 दिन भी बुरा होता ,हर 17 तारीख में लोग परेशान होते।
3:- 3 तिगाड़ा काम बिगड़ा या सोमवार को मास खा लिया तो बुरा हो गया , या इस दिन बाल कटवा लिए तो बुरा होगा । लेकिन दुसरे देश में ऐसी कोई मान्यता नही है।
आपका डर आपको वहम और नकारात्मक सोच देता है जब तक आप खुद पर यकीन नहीं करोगे तब तक इसे दूर करने में आपको कठिनाई का सामान करना पड़ेगा। याद रखे किसी भी बीमारी या लक्षण को इंटरनेट में पढ़ने से बचे.और डर को मारे । अच्छी नींद ,योग या जिम जाये और खुद पर यकीन रखे कुछ ही दिनों में आप से ये नकारात्मक सोच और वहम दूर हो जायेंगे।