Bhimrao Ambedkar Biography भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय
dr bhimrao ambedkar history :- बी आर अंबेडकर पूरा नाम Bhimrao Ambedkarr है. इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ यह शिक्षा में परांगत थे यह विश्व के भारतीय विधिवेत्ता अर्थशास्त्रीय राजनीतिज्ञ समाजशास्त्री मानवविज्ञानी जैसे बहुत से क्षेत्रों में इन का महत्वपूर्ण योगदान है. यह स्वतंत्रता सेनानी बौद्ध धर्म के प्रवर्तक और दलित-शोषित वर्गों के हित के लिए लड़ाई लड़ी और मानव अधिकार के संघर्ष के प्रमुख नेता भी कहलाए और इन्होंने भारतीय संविधान की रचना की ,dr bhimrao ambedkar ki patni ka naam रमाबाई है. बी आर अंबेडकर का विवाह सन 1906 में हुआ था. इनकी दूसरी पत्नी का नाम savita ambedkar जिनसे विवाह सन 1948 को हुआ. इन्हें पहले भारत रत्न से नवाजा गया. सन 1990 में भारत को मजबूत लोकतंत्र प्रदान करने वाले पहले भारतीय व्यक्ति Bhimrao Ambedkarr अनन्य कोटी के नेता कहलाए. इन का उद्देश्य दलित शोषित लोगों को अधिकार दिलाना था. और उन्हें अभिशाप से मुक्ति दिलाना था. इन्होंने b.a. , m.a , पीएचडी , m ssc , ssc जैसे कुल 32 डिग्रियां हासिल की.
इन्होंने अपनी पढ़ाई सर्वप्रथम मुंबई विश्वविद्यालय भारत कोलंबिया विश्वविद्यालय , अमेरिका , लंदन विश्वविद्यालय , uk लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स , uk विश्व विद्यालय , जर्मनी जैसे जगह में जाकर अपनी शिक्षा अर्जित की. इन्हें पहले कोलंबियन अहेड ऑफ द टाइम 2004 में और चौथे द मेकर ऑफ द यूनिवर्स द ग्रेटेस्ट इंडियन से 2012 में नवाजा गया. यह पहले भारतीय रहे हैं. जो सामाजिक राजनीतिक आर्थिक सांस्कृतिक शिक्षा कानून बिजली आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसलिए इन्हें आधुनिक भारत के निर्माता भी कहा जाता है.
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उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन मैं बहुत सी कठिनाइयों का सामना करके अपने शिक्षा को आगे बढ़ाया. और दलित-शोषित के हित में लड़ाई लड़ाई में सफलता हासिल की. डॉक्टर Bhimrao Ambedkarr को धम्म दिक्षा देने वाले महान बौद्ध भिक्षु महावीर चंद्रमणि ने उन्हें दीक्षा दी. जिन्हें इस योग का भगवान बुद्ध कहा जाता है. “डॉक्टर अंबेडकर साहब चाहते थे कि दलित-शोषित शूद्रों को अपना अधिकार प्रदान किया जाए. उन पर हो रहे अन्याय ना हो इसी वजह से उन्होंने लड़ाई लड़ी. हिंदू सभ्यता जो मानवता को दास बनाने में तुला हुआ है. उसके विरुद्ध एक क्रूर युक्ति है. जो एक बदनामी का कारण है. एक सभ्यता के बारे में और क्या कहा जा सकता है. जिसने नागरिकों को बड़े वर्गों के ऊंचाइयों तक पहुंचाया. और उस मानव को हीन समझा गया जिसका स्पर्श मात्र ही प्रदूषण फैलाने का पर्याप्त कारण है. यह समझा गया ऐसी सोच मानव में हीन भावना को उजागर करती है. 15 अगस्त सन 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस पार्टी नई सरकार के रूप में सामने आए. जिन्होंने अंबेडकर साहब को देश के पहले कानून मंत्री के सेवा के रूप में आमंत्रित किया. और उन्होंने आमंत्रण स्वीकार किया इन्होंने बौद्ध धर्म में परिवर्तन सन 1950 में हुए और उन्होंने 22 प्रतिज्ञा ली. जिन्हें आप तस्लीम से wikipedia पर पढ़ सकते हैं.
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इन प्रतिज्ञाओं का पालन करने वाले व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं हो सकते. और अपने व्यक्तिगत जीवन में आने वाले कठिनाइयों का सामना भी वह कर सकते हैं. इन्होंने महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के लिए लड़ाई लड़ी. और सफलता हासिल की. और इस फैसले से महिलाओं वर्गों को एक समानता का दर्जा दिया गया. छुआछूत जैसी हीन भावनाओं को उजागर करने वाली सोच को बदलने में सफलता हासिल की है. लेकिन आज भी यह सोच इस देश में अभी भी कुछ स्थानों में इसी सोच से चलने वाले लोग आज भी मौजूद है. जिन्हें बदलना बहुत जरूरी है. भारत देश के विकास के लिए और सभी को समानता का दर्जा देना बहुत जरुरी है.